Pipariya Diyara: A village in Bihar,पिपरिया दियारा का एक गाँव
बिहार राज्य के लखीसराय जिला में बसा एक प्रसिद्ध गांव पिपरिया दियारा है। यह जिला मुख्यालय लखीसराय से उत्तर की ओर 12 किमी दूर स्थित है। राज्य की राजधानी पटना से लगभग 123 किमी है।
![]() |
| पिपरिया दियारा |
पिपरिया दियारा पिन कोड 811302 है और डाक प्रधान कार्यालय बड़हिया है। पिपरिया दियारा पश्चिम की ओर घाट कुसुंभ ब्लॉक, उत्तर की ओर मोकामा ब्लॉक, दक्षिण की ओर लखीसराय ब्लॉक, उत्तर की ओर घोसवारी ब्लॉक से घिरा हुआ है।बरहिया, लखीसराय, मोकामा, मोकामेह पिपरिया दियारा के नजदीकी शहर हैं।
यह स्थान लखीसराय जिले और पटना जिले की सीमा में है। पटना जिला घोसवारी इस स्थान की ओर उत्तर की ओर है। साथ ही यह अन्य जिले बेगूसराय की सीमा में है।
पिपरिया दियारा:
- इलाके का नाम: पिपरिया दियारा (पिपरिया दियारा)
- ब्लॉक का नाम : बरहिया
- जिला : लखीसराय
- राज्य : बिहार
- संभाग: मुंगेर
- भाषा: मैथिली और हिंदी, उर्दू, अंगिका, इंडो-आर्यन
- ऊंचाई / ऊंचाई: 47 मीटर। सील स्तर से ऊपर का
- टेलीफोन कोड / एसटीडी कोड: 06346
- विधानसभा क्षेत्र : लखीसराय विधानसभा क्षेत्र
- लोकसभा क्षेत्र : मुंगेर संसदीय क्षेत्र
- पिन कोड : 811302
- डाकघर का नाम : बरहिया
यह गांव करीब 6 दशक पहले बसा था। यहां पर रहने वाले पुराने लोग बताते हैं कि पहले वे गंगा तट के करीब के इलाके में रहते थे लेकिन गंगा नदी द्वारा जमीन कटाव के कारण उन्हें यहां बसना पड़ा।
यहां के लोगों का काम- काज :
यहां के लोग पूर्णतः कृषि क्षेत्र पर निर्भर करते हैं। यहां को जमीन उपजाऊ है इसलिए अच्छी फसल हो जाती है लेकिन जब बाढ़ का समय आता है तो लोगों को काफ़ी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
![]() |
| बाढ़ प्रभावित समय में गांव का हाल |
वैसे कुछ लोग गांव से शहर चले जाते हैं पैसे कमाने के लिए।
गांव में सरकारी सुविधा:
इस गांव में अगर सरकारी सुविधा की बात करें तो लगभग ना के बराबर है। इस गांव में तो सरकारी अस्पताल भी नहीं है। गांव के लोगों को हमेशा इलाज़ के शहर का चक्कर लगाना पड़ता है तो वही कुछ लोग झोला छाप डॉक्टर ( नर्स या कंपाउंडर टाइप को गांव की भाषा में ) से चेक कड़ा के संतोष कर लेते हैं क्योंकि उनकी उतनी आमदनी नही है कि वो शहर जाए और इलाज़ कराए।
अगर हम बात करें सरकारी विद्यालय की तो यहां पर दशवीं कक्षा तक है। आगे की पढाई के लिए बगल के गांव या शहर के स्कूलों में जाना पड़ता है। सरकारी विद्यालयों की हाल भी देखने लायक होती है।
गांव के युवा पीढ़ी:
इस गांव की अगर युवा पीढ़ी की बात करें तो वे काफी मेहनती हैं क्योंकि इतनी कठनायियों के बाद भी यहां के युवा कई क्षेत्रों में गांव, ज़िला और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं जैसे मेडिकल की क्षेत्र हो, इंजीनियरिंग की क्षेत्र हो या अन्य सरकारी नौकरियों की हरेक फ़ील्ड में इस गांव के युवा हैं।
आशा करते हैं कि आने वाले साल में यहां के लोग अपने आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ खास करके जायेंगे।
नोट : अगर आपको इस आर्टिकल में कुछ और add करवाना हो तो कॉमेंट ज़रूर करें.
और पढ़ें...👉
.jpeg)
.jpeg)
Post a Comment